शनिवार, 6 अगस्त 2022

एक सफर


ओझल हो रहा हूं जग ए जहान में,
रोशनी से थोड़ा मेरा नाम कर दो ।
सुकून की हवा चले,खुशियों की लहर हो,
हमारा ये  खुद में एक शहर हो।
यही पहचान है मेरी मैं आवाजें उठाऊंगा,
तुम 2 कदम साथ देना मै 4 कदम निभाऊंगा।
मैं बुजुर्ग हूं, मैं युवा हूं और मैं छोटा बच्चा हूं,
मैं डूंगरी गांव सब गांवो में अच्छा और सबसे सच्चा हूं।

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