गुरुवार, 18 अगस्त 2022

स्वास्थ पर सुझाव


हर एक मनुष्य जिसे थोड़ी समझ हो जाती है या जो सोचने समझने लगता है उसे कैलोरी के ज्ञान से अवगत कराना बहुत ही जरूरी है मेरा निवेदन शिक्षा विभाग तथा शिक्षा मंत्री जी से है कि हर स्कूल के शुरुआती पाठ्यक्रम में कैलोरी से संबंधित एक पाठ अवश्य रखें, जिससे हर विद्यार्थी को कैलोरी से संबंधित पूरी जानकारी हो जाएगी कैलोरी के सही प्रयोग से वजन नियंत्रण में रहेगा अन्य कमजोरी और बीमारियों से भी बचा जा सकता है। विद्यार्थी अपने साथ साथ परिवार के उन सदस्योंं का भी ख्याल रख सकता है जो पढ़ाई-लिखाई या स्कूल से दूर रहे हों।

जिन्दगी के अनुभव ने जो बताया है,
उसी का वर्णन दो शब्दों में दर्शाया है।।

स्वस्थ जीवन में कैलोरी का स्थान -:

जिसे भी कैलोरी का पूर्ण ज्ञान होता है वह स्वास्थ के प्रति हमेशा सजक रहता है और सही मात्रा में कैलोरी का सेवन करके खुशहाल जीवन व्यतीत करता है विज्ञान ने हर एक खाद्य पदार्थ में कैलोरी की मात्रा को दर्शाया है। एक रोटी में लगभग 60 कैलोरी और लगभग एक कटोरी पके हुए चावल में 200 से 250 कैलोरी होती है, इसी तरह हर खाद्य पदार्थों में कैलोरी की मात्रा है सबसे अधिक बादाम, किशमिश आदि में और तेल से तले हुए भोजन में भी अधिक से अधिक कैलोरी मिलती है। कैलोरी की मात्रा भी अलग अलग है कोई शरीरिक क्रिया करता है तो उसको अधिक कैलोरी की आवश्यकता है कुछ लोग बैठे बिठाए दिन गुजार देते हैं उनका काम कम कैलोरी से चल जाता है और कुछ लोग हल्की-फुल्की कसरत करते हैं तो उनको उस हिसाब से कैलोरी की जरुरत पड़ती है।

स्वस्थ जीवन का सुखी राज -:

ये सभी जानते हैं की स्वस्थ शरीर ही सुखी जीवन का राज है शारीरिक और मानसिक रूप से जो व्यक्ति स्वस्थ है उसे सर्व गुण सम्पन्न कहना उचित होगा, उसे किसी अन्य चीज की क्या जरुरत है वह मानसिकता का इस्तेमाल करके शारीरिक शक्ति से हर लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। ऐसे व्यक्ति नकारात्मक शब्द के आस-पास नहीं दिखाई देते और ना ही असंभव नाम की कोई वस्तु इनके इर्द-गिर्द मिलती है। अब बात आती है शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने की तो सबसे पहले शुरू करते हैं अपने आप से, अपने को कैसे स्वस्थ रखें? ऐसा क्या करें जिससे शरीर दुःख तकलीफों से दूर रहे।

शारीरिक गतिविधियों पर एक नज़र -:

सबसे आसान और सही तरीका यही है कि जब भी हम किसी दुःख, तकलीफ से गुजरते हैं तो उस समय सबसे जरुरी यही होता है कि यह तकलीफ क्यों हुई और कहाँ से शुरू हुई अगर हम इन सवालों का जवाब खुद ढूंढ लेते हैं तो इसका सीधा सा मतलब निकलता है कि हम उस तकलीफ का खुद ही सामना कर सकते हैं और अगर हमें यह पता नहीं चल पा रहा हो तो तुरन्त डाॅक्टर के पास जाकर पुराने कुछ दिनों की हरकत सच सच बताएं जिससे जल्दी ही सही किया जा सकता है।

शरीर पंच तत्वों से बना है और पंच तत्वों में ही मिल जाता है ये कौन नहीं जानता। और अगर इन्हीं पंच तत्वों में से कोई भी एक तत्व हमारे शरीर में कम या अधिक हो जाता है तो शरीर डगमगा जाता है हम बीमारियों से घिर जाते हैं कुछ समझ नहीं आता और अनजाने में ऐसी हरकतें करते हैं जो सेहत को और अधिक भविष्य के लिए तकलीफ के लिए छोड़ देते हैं।

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ में नींद की भूमिका -:

शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए सबसे महत्वपूर्ण नींद पूरी तरह से लेना आवश्यक है। पूरी नींद लेने से शरीर को आराम और मानसिकता का विकास, मानसिक एकाग्रता, मानसिक सन्तुलन और मानसिकता में निरंतर वृद्धि होते रहती है लेकिन अकेले नींद से ही यह संभव नहीं है। इसके अलावा सुबह ध्यान लगाने, अच्छे विचारों को ग्रहण करने और सबसे जरुरी दूसरे के प्रति अच्छी भावना रखने से मानसिकता का विकास तेजी से होता है समय की समझ जिस व्यक्ति को हो जाती है। वह दिन पर दिन सफलता के मार्ग में आगे चलते रहता है।

एक सफर

स्वास्थ पर सुझाव

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