रविवार, 21 जून 2020

योग , स्वस्थ जीवन का आधार।

योग जो आज के युग में हर किसी कि जरूरत बन गया है बिना योग के स्वस्थ जीवन की कल्पना  भी  नहीं कर सकते । योग जो हमें स्वस्थ रखता है , हमारे जीवन काल में वृद्धि करता है ,हमें नीरोगी रखता है , हमारे जीवन को खुशहाल बनाता है । हमें तमाम तकलीफों से बचाता है ,  इतना ही नहीं इसके अलावा भी बहुत ही उपयोगी है योग हमारे लिए । शारीरिक क्रियाओं से लेकर मानसिक विकास तक योग से ही संभव है ।
किन्तु बड़े अफ़सोस की बात तो ये है कि हम हिन्दुस्तानियों की कमजोरी के बारे में वार्तालाप करना भी बड़े दुःख की बात है । योग के अनगिनत फायदे हमें पता होने के बाद भी हम योग के प्रति जागरूक नहीं होते हम सब कुछ जानते हुए भी योग को अपने निजी जीवन में नहीं अपना पाते , बड़े अजीब लोग है मेरे देश के जो तभी कोई कार्य करते हैं जब बहुत देर हो जाती है ।
बस योग दिवस पर एक दो आसान में अपनी फोटो सोशियल मीडिया पर अपलोड करके दुनिया की नजर में खुद को बहुत अच्छा साबित करने की कोशिश करते हैं । जबकि खुद की आत्मा जो सच्चाई जानती है शायद बाहरी दुनिया भी उस सच्चाई से बहुत अच्छे तरीके से परिचित होती है मगर लगभग सभी का यही हाल होता है इसलिए एक दूसरे पर अच्छी अच्छी टिप्पणी करके जल्दी से समारोह के सम्पन्न होने का इन्तजार करते हैं ।
समझ नहीं आता कि कैसे इस जंजाल से निकाल कर एक साफ सुथरी जिन्दगी जिया जाए और अपने साथ साथ समाज की भी सेवा की जाय।
 जैसे आप लोगों का आज योग दिवस है वैसे ही पूरे विश्व में योग दिवस मनाया जा रहा है लेकिन मेरा खुद से आज एक वादा है जैसे योगा की याद दिलाने के लिए  एक दिन बनाया है  वैसे ही मैं इस दिन को आज से अपनी जिंदगी में शामिल करता हूं , योग  के प्रति खुद जागरूक और अपने साथियों सहित परिवार  को भी योगा करने के लिए भरसक प्रयास करूंगा ।
आप भी अपने 24 घंटे में से थोड़ा सा समय जो दैनिक जीवन की रूपरेखा को बदल कर खुशहाल बना दे ऐसा निर्णय लें और स्वस्थ रहें।

रविवार, 14 जून 2020

खुद की कमजोरियां ही खुदकुशी बन जाती है

जिंदगी जैसी चल रही होती है उससे कहीं दूर जीवन की सच्चाई है हमें हमारेे सच और झूठ का पता होता है, लेकिन हम किसी और की जिंदगी की गहराई में नहीं जा सकते। किसी के खुशियों को समझना शायद आसान है, लेकिन किसी के दर्द को समझना उसी के बस में होता है जो उस दर्द के मारे खुद को मार देता है । आंखिर कब रुकेगा ये सिलसिला जब एक इंसान खुद की कमजोरियों से खुदकुशी कर देता है । मेरी नजर में इंसान तब खुदकुशी करता है जब वो अपनी नज़रों में गिर जाता हो या अपने ही नज़रों में हार जाता हो ।

एक सफर

स्वास्थ पर सुझाव

हर एक मनुष्य जिसे थोड़ी समझ हो जाती है या जो सोचने समझने लगता है उसे कैलोरी के ज्ञान से अवगत कराना बहुत ही जरूरी है मेरा निवेदन शिक्षा...